अमेरिका में मंदी की आशंका एक बार फिर उठने लगी, यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी का भी बुरा हाल

नई दिल्ली दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका और यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी में एक बार फिर मंदी की आशंका मंडराने लगी है। अमेरिका में हाल में आए रोजगार के आंकड़े उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे हैं। इससे वहां एक बार फिर मंदी की आशंका पैदा हो गई है। इस कारण सोमवार को […]

अमेरिका में मंदी की आशंका एक बार फिर उठने लगी, यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी का भी बुरा हाल

नई दिल्ली
दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका और यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी में एक बार फिर मंदी की आशंका मंडराने लगी है। अमेरिका में हाल में आए रोजगार के आंकड़े उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे हैं। इससे वहां एक बार फिर मंदी की आशंका पैदा हो गई है। इस कारण सोमवार को दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। दूसरी ओर जर्मनी की इकॉनमी में दूसरी तिमाही में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली। जर्मनी की जीडीपी में पहली तिमाही की तुलना में 0.1 फीसदी गिरावट देखने को मिली। तकनीकी रूप से लगातार दो तिमाहियों में गिरावट को मंदी कहा जाता है। करीब दो दशक तक ग्लोबल ग्रोथ का इंजन रहे चीन की इकॉनमी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। लेकिन इन सबसे बीच भारत की इकॉनमी दुनिया में सबसे तेजी से दौड़ रही है।

भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के एक्सपोर्ट में जून तिमाही में काफी तेजी आई है। देश से ऐपल आईफोन के एक्सपोर्ट में तेजी के कारण भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में पिछले साल के मुकाबले 22% उछलकर 8.44 अरब डॉलर पहुंच गया। इंजीनियरिंग गुड्स और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स के बाद अब भारत से सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक्स का ही एक्सपोर्ट हो रहा है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत से 6.94 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स सामान एक्सपोर्ट हुआ था। इस साल जून तिमाही में 4.8 अरब डॉलर के मोबाइल एक्सपोर्ट हुए जो कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का करीब 57 फीसदी है। इस दौरान ऐपल ने भारत से 3.5 अरब डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए।

इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जून तिमाही में मोबाइल एक्सपोर्ट में पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी तेजी आई। इस दौरान आईफोन के एक्सपोर्ट में 90 करोड़ डॉलर की तेजी आई। जबसे सरकार ने स्मार्टफोन प्रॉडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव लॉन्च की है तबसे मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में तेजी आई है। अप्रैल 2020 में इस योजना के शुरू होने से पहले फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में देश से 2.9 अरब डॉलर के मोबाइल एक्सपोर्ट किए गए थे। भारत से एक्सपोर्ट होने वाले आइटम्स की लिस्ट में मोबाइल 14वें स्थान पर थे। लेकिन वित्त वर्ष 2024 में भारत ने 15.6 अरब डॉलर के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए जो ऑटोमोटिव डीजल, डायमंड्स और एविएशन टर्बाइन फ्यूल के बाद सबसे अधिक है। इससे फाइनेंशियल ईयर 2024 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट 29.1 अरब डॉलर पहुंच गया।

गैस उत्पादन में भी भारत तेजी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। 2020-21 में देश में गैस उत्पादन 28.7 अरब घन मीटर (BCM) था। सरकारी आंकडों के मुताबिक देश में 2023-24 में गैस उत्पादन बढ़कर 36.43 बीसीएम पहुंच गया और 2026 में इसके 45.3 बीसीएम पहुंचने की संभावना है। देश में नेचुरल गैस की सालाना खपत 64 बीसीएम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर कहा कि विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी आत्मनिर्भरता बहुत महत्वपूर्ण है। गैस उत्पादन का यह रिकॉर्ड इस दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। मोदी सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है।

भारत के लिए गुड न्यूज

जर्मनी की इकॉनमी के सुस्त पड़ना भारत के लिए गुड न्यूज है। जर्मनी अभी अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी है जबकि जापान चौथे नंबर पर है। भारत इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कहा था कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनमी बन जाएगा। लेकिन जापान और जर्मनी की हालत जिस तरह से खराब हो रही है, उससे लगता है कि भारत को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। Forbes के मुताबिक अभी अमेरिका ($28.783 ट्रिलियन) पहले, चीन ($18.536 ट्रिलियन) दूसरे, जर्मनी ($4.590 ट्रिलियन) तीसरे और जापान ($4.112 ट्रिलियन) चौथे नंबर पर है। भारत की इकॉनमी का साइज अभी $3.942 ट्रिलियन डॉलर है।