पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट फाइनल में, “गोल्डन” इतिहास रचने से बस एक कदम दूर

पेरिस. भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में 11वां दिन मिले-जुले नतीजे लेकर आया। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा ने फैंस को निराश नहीं किया, वहीं कुश्ती के मैट पर विनेश फोगाट के असाधारण प्रदर्शन ने पेरिस ओलंपिक में भारत की एक और स्वर्ण की उम्मीदों को जगा दिया। विनेश फोगाट […]

पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट फाइनल में, “गोल्डन” इतिहास रचने से बस एक कदम दूर

पेरिस.

भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में 11वां दिन मिले-जुले नतीजे लेकर आया। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा ने फैंस को निराश नहीं किया, वहीं कुश्ती के मैट पर विनेश फोगाट के असाधारण प्रदर्शन ने पेरिस ओलंपिक में भारत की एक और स्वर्ण की उम्मीदों को जगा दिया।
विनेश फोगाट ने इतिहास रच दिया है। वह ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान बन गई हैं।

उन्होंने कुश्ती में महिलाओं की 50 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में क्यूबा की लोपेज गुजमान को 5-0 से हरा दिया। पहले राउंड तक विनेश 1-0 से आगे थीं। फिर आखिरी तीन मिनट में उन्होंने क्यूबा की पहलवान पर डबल लेग अटैक किया और चार पॉइंट अर्जित किए। इस बढ़त को वह अंत तक बनाए रखी और फाइनल में जगह बनाई। विनेश का इस ओलंपिक में सफर शानदार रहा है। रियो ओलंपिक में चोट की वजह से हटने और फिर टोक्यो ओलंपिक में राउंड ऑफ 16 से बाहर होने के बाद इस साल विनेश ने अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने दिखाया है। अपने पहले मैच यानी प्री क्वार्टर फाइनल में विनेश ने चार बार की विश्व चैंपियन और टोक्यो ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट सुसाकी को 3-2 से हराया था। फिर ओकसाना को क्वार्टर फाइनल में 7-5 से हराया। अब सेमीफाइनल में 5-0 से जीत हासिल कर फाइनल में जगह बनाई। विनेश ने कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया और वह बुधवार यानी सात अगस्त को स्वर्ण पदक के लिए उतरेंगी। विनेश से पहले केवल दो पुरुष पहलवान ही ओलंपिक में फाइनल तक पहुंच पाए हैं। 2012 लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार और 2020 टोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया फाइनल तक पहुंचे थे, लेकिन आखिरी मुकाबला दोनों हार गए थे।

नीरज चोपड़ा भालाफेंक के फाइनल में –
गत चैंपियन नीरज ने मंगलवार को अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर के थ्रो के साथ पुरुष भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश किया, जबकि महिला पहलवान विनेश (50 किग्रा) ने पहले दौर में अब तक अपराजेय मौजूदा चैंपियन युई सुसाकी को हराकर बड़ा उलटफेर करने के बाद सेमीफाइनल में जगह बनाकर पदक की ओर मजबूत कदम बढ़ाए। टेबल टेनिस पुरूष वर्ग में भारत को हालांकि निराशा हाथ लगी। नीरज के साथी भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना हालांकि फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे जबकि पुरुष टेबल टेनिस टीम भी प्री क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय चीन के खिलाफ हार के साथ बाहर हो गई। ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में सबसे पहले थ्रो करने उतरे नीरज ने 89.34 मीटर से सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए आठ अगस्त को होने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। नीरज ने तोक्यो ओलंपिक में भी अपने पहले ही प्रयास में फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया था।
नीरज ने ग्रुप ए और बी दोनों में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई और इस तरह एडक्टर की चोट से जुड़ी चिंताओं को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया। यह नीरज के करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। इस गत ओलंपिक और विश्व चैंपियन ने 87.58 मीटर के प्रयास के साथ तोक्यो ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता था जबकि उनका निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है जो उन्होंने 2022 में स्टॉकहोम डाइमंड लीग में रजत पदक जीतने के दौरान किया था। यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है। भारत के किशोर जेना हालांकि ग्रुप ए क्वालीफिकेशन में 80.73 मीटर के प्रयास से नौवें और कुल 18वें स्थान पर रहे तथा शीर्ष 12 खिलाड़ियों में जगह बनाकर फाइनल में प्रवेश करने के नाकाम रहे। ग्रुप ए और बी क्वालीफिकेशन के बाद 84 मीटर या इससे अधिक का थ्रो करने वाले सभी खिलाड़ी या दोनों ग्रुप से शीर्ष 12 खिलाड़ियों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

किरण 400 मीटर सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम –
एथलेटिक्स की महिला 400 मीटर रेपेचेज में भारत की किरण पहल हीट एक में 52.59 सेकेंड के लचर प्रदर्शन के साथ छह खिलाड़ियों में छठे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं। वह रेपेचेज में चुनौती पेश करने वाली 26 धावकों में 23वें स्थान पर रहीं। हीट एक में नाईजीरिया की एला ओनओजुववेमो 50.59 सेकेंड के समय के साथ शीर्ष पर रहीं। प्रत्येक हीट से शीर्ष पर रहने वाली धावक और दो अन्य सबसे तेज धावकों ने सेमीफाइनल में जगह बनाई।

भारतीय पुरुष टेबल टेनिस टीम चीन से हारकर बाहर –
भारतीय पुरुष टेबल टेनिस टीम प्री क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय चीन के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गई। भारत की 14वीं वरीय टीम के पास कई बार के ओलंपिक चैंपियन चीन का कोई जवाब नहीं था जिसने मुकाबला 3-0 से जीता। भारत की ओर से सिर्फ अनुभवी अचंता शरत कमल ही एक गेम जीतने में सफल रहे जबकि टीम ने बाकी दो मैच सीधे गेम में गंवाए। भारत के लिए मुकाबले की शुरुआत हरमीत देसाई और मानव ठक्कर की दुनिया की 42वें नंबर की जोड़ी ने की जिसे बेहद एकतरफा मुकाबले में मा लोंग और वैंग चुकिन की चीन की दुनिया की नंबर एक जोड़ी के खिलाफ सीधे गेम में 0-3 (2-11, 3-11, 7-11) से शिकस्त का सामना करना पड़ा। शरत कमल ने दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी फेन झेनडोंग के खिलाफ पहला गेम जीता लेकिन चीन के खिलाड़ी ने अगले तीन गेम जीतकर मुकाबला 3-1 (9-11, 11-7, 11-7, 11-5) से अपने नाम किया और चीन को 2-0 की बढ़त दिला दी। करो या मरो के मुकाबले में दुनिया के 59वें नंबर के खिलाड़ी मानव को दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी चुकिन को हराना जरूरी थी लेकिन चीन के खिलाड़ी ने 3-0 (11-9, 11-6, 11-9) से मैच जीतकर अपनी टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचा दिया।