मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में बताया यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार में 25 गुना ज्यादा दाल खरीदी हुई
नई दिल्ली कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि कांग्रेस की यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार में 25 गुना ज्यादा दाल खरीदी की गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को दाल पैदा करने दो, हम खरीदेंगे।उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य […]
नई दिल्ली
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि कांग्रेस की यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार में 25 गुना ज्यादा दाल खरीदी की गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को दाल पैदा करने दो, हम खरीदेंगे।उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट अभी नहीं आई है और इस रिपोर्ट के आने के बाद इस दिशा में कदम उठाया जाएगा, लेकिन सरकार कृषि को मुनाफे का व्यवसाय बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया और एमएसपी के मामले में सरकार से सीधा जवाब देने की मांग की जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक झोंक हुई तथा सदन की कार्यवाही में व्यवधान पहुंचा।
राज्यसभा में एक सांसद के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "मैं आपको बताना चाहूंगा कि 2004-14 के बीच सिर्फ 6,29,000 मीट्रिक टन दाल खरीदी गई थी। मोदी जी की सरकार एक करोड़ 70 लाख मीट्रिक टन दाल खरीद रही है, जो 25 गुना ज्यादा है। मैं कहना चाहूंगा कि दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए इस बार हमने तय किया है कि मसूर, उड़द और तुअर को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा। चिंता मत करो, देश के किसानों को दाल पैदा करने दो, हम उसे खरीदेंगे।"
शिवराज सिंह चौहान ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के जवाब में यह भी कहा कि सरकार ने एमएसपी के मुद्दे पर एक समिति का गठन किया है जो इस मुद्दे पर विचार कर रही है और इस समिति की अब तक छह बैठकें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट आते ही सरकार इस पर आगे कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार रिपोर्ट के नाम पर निष्क्रिय नहीं बनी हुई है और निरंतर किसान कल्याण के कार्यों में लगी है। एमएसपी की दरें लगातार बढ़ाई जा रही हैं। सरकार छह सूत्रीय नीति उत्पादन के ठीक दाम देना , उत्पादन बढाना, लागत कम करना, नुकसान की भरपाई करना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। फसलों के दामों कें समय-समय पर वृद्धि की जा रही है। फसलों का मूल्य फसल पैदावार की लागत में 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर निर्धारित किया जाता है और उसे खरीदा भी जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार उर्वरक पर भी एक लाख 68 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है।
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सरकार टाल-मटोल न करते हुए एमएसपी पर सीधा जवाब दे। विपक्षी सदस्य अपनी जगह से उठकर मंत्री का विरोध करने लगे। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसका कड़ा प्रतिवाद किया जिससे दोनों पक्षों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों पक्षों से संयम बरतने तथा सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलने देने की अपील की। उन्होंने कांग्रेस के सदस्य रणदीप सुरजेवाला को बार बार आगाह किया कि यदि वे कार्यवाही में व्यवधान जारी रखेंगे तथा आसन की अवेहलना करेंगे तो उन्हें मजबूरन उनके खिलाफ कार्यवाही करनी पड़ेगी। सभापति ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि किसान के मुद्दे पर चर्चा के समय सदन में गंभीरता से बात की जानी चाहिए।