CG से बहकर ओडिशा पहुंची महिला, पैरों में बंधी थी जंजीरें, ऐसे बची जान

    रायगढ़ छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से रुक-रुककर बारिश जारी है. जिसके चलते नदियां और नाले उफान पर हैं. ऐसे में बुधवार को बाढ़ में एक 35 वर्षीय मानसिक रूप से अवस्थ महिला उफनती नदी में 20 किलोमीटर बह गई और उसे पड़ोसी राज्य ओडिशा में मछुआरों ने बचा लिया. इस बात की जानकारी […]

CG से बहकर ओडिशा पहुंची महिला, पैरों में बंधी थी जंजीरें, ऐसे बची जान

    रायगढ़

छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से रुक-रुककर बारिश जारी है. जिसके चलते नदियां और नाले उफान पर हैं. ऐसे में बुधवार को बाढ़ में एक 35 वर्षीय मानसिक रूप से अवस्थ महिला उफनती नदी में 20 किलोमीटर बह गई और उसे पड़ोसी राज्य ओडिशा में मछुआरों ने बचा लिया. इस बात की जानकारी पुलिस ने न्यूज एजेंसी भाषा को दी.

पति से अलग रह रही थी महिला

 घटना के संबंध में जानकारी देते हुए सारंगढ-बिलाईगढ़ के पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा ने बताया कि चमत्कारिक रूप से बच निकलने के बाद सरोजनी चौहान को सारंगढ-बिलाईगढ़ जिले के सरिया इलाके में उसके घर वापस लाया गया. इसके बाद पड़ोसी रायगढ़ जिले के अस्पताल में भर्ती कराया गया.  चौहान अपने पति से अलग हो गई थी और सरिया के पोरथ गांव में अपने माता-पिता के साथ रह रही थी.

मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण उसका इलाज चल रहा था और उसके परिजनों ने उसके पैरों में बेड़ियां डाल दी थीं, क्योंकि वह अक्सर बिना किसी को बताए घर से निकल जाती थी. परिजनों की माने तो वह बुधवार की रात महानदी के किनारे स्थित अपने घर में लगे सब्जी के खेत में शौच के लिए गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी.

रेस्क्यू के बाद मछुआरों ने महिला को पुलिस को सौंपा

जिसके बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन वह नहीं मिली. इसी बीच गुरुवार की सुबह उसे ओडिशा के रेंगाली पुलिस स्टेशन क्षेत्र के परसादा गांव में कुछ मछुआरों ने नदी से बचा लिया. इसके बाद मछुआरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी.एसपी ने कहा कि सारंगढ़ से एक पुलिस दल उसे परसादा से सरिया वापस ले आया और वह अब अस्पताल में है.

हालांकि, उसके परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं कराई है और मामले में अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं लग रहा है. फिर भी मामले की जांच की जा रही है.